SanatanMantra SanatanMantra
भाषा
English हिन्दी
Home आरती चालीसा कथा ईश्वर जगह स्ट्रोतम सुंदरकाण्ड परंपरा वास्तु चक्र रत्न राशिफल मंत्र ध्यान अंक ज्योतिष ग्रह ग्रहों पूजा विधि रूद्राक्ष टैरो शादी यंत्र योग ग्रंथ UPSC App
7 mukhi

7 मुखी रुद्राक्ष

7 मुखी रुद्राक्ष(7 Mukhi Rudraksha) की सतह पर 7 प्राकृतिक धारियां होती हैं। इसमें अन्य रूपों के विपरीत भगवान शिव के अनंग रूप को दर्शाया गया है। यह मनका सप्तमातृकाओं द्वारा और धन की देवी मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से युक्त होता है, जो इसे और भी अधिक शक्तिशाली और लाभों से युक्त बनाता है। सातमुखी रुद्राक्ष का अधिपति ग्रह शनि है, जो अनुशासन और कर्मों पर गहरी नजर रखता है। यदि आपकी जन्मकुंडली में शनि कमजोर स्थिति में है तो आप इसे धाऱण करके नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं। नेपाल में 7 मुखी रुद्राक्ष उच्च गुणवत्ता का पाया जाता है। यह पहनने वाले को अनुदान देने, अपने भीतर शक्तियों का एहसास करने और सर्वोत्तम तरीके से उनका उपयोग करने के लिए जाना जाता है।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारी शारीरिक ऊर्जा और सीधे ब्रह्मांडीय ऊर्जे से जुड़ी होती है और ब्रह्मांड में होने वाली हलचल से मानव जीवन को अत्यधिक प्रभावित करता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों की चाल प्रत्येक व्यक्ति के जन्मकुंडली में जीवन की विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। ग्रह राशिनुसार अपनी प्रकृति बदलते रहते हैं और जीवन के कई पहलुओं पर यह सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। ऐसे में आपको अनुभवी ज्योतिषियों से अपनी जन्मकुंडली का अध्य़यन कराकर परामर्श लेना चाहिए ताकि क्रूर ग्रहों की पहचान की जा सके और उनके प्रभाव को कम किया जा सके। 20 सालों से एस्ट्रोयोगी किसी भी प्रकार की ज्योंतिषीय चिंता के बारे में परामर्श के लिए एक विश्वसनीय मंच प्रदान करता है।

7 मुखी रुद्राक्ष (7 Mukhi Rudraksha) किसी के जीवन से दुर्भाग्य को दूर करने के लिए जाना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, मारक ग्रह की दशा होने पर इस रुद्राक्ष को धारण किया जा सकता है यह रक्षा कवच की तरह कार्य करता है और अकाल मृत्यु के भय से भी मुक्त करता है। यह रुद्राक्ष शरीर की सप्त धातुओं की रक्षा करता है और मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करता है। यह रुद्राक्ष पुनर्जन्म के पापों को दूर करने में मदद करता है। यह आपको अतीत की बुरी यादों को दूर करने में मदद करता है और आपको वर्तमान में जीने के लिए प्रोत्साहित करता है।

 

7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि

किसी भी रुद्राक्ष को पहनने से पहले अपनी जन्मकुंडली का विश्लेषण किसी अनुभवी ज्योतिषी से अवश्य कराएं और उनसे जाने कि आप रुद्राक्ष पहन सकते हैं या नहीं। इसके अलावा रुद्राक्ष को अपने पैसों से ही खरीदें वरना आपको लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा। ज्योतिषी के निर्देशों का पालन करें औऱ इस चमत्कारी मनका से लाभ उठाएं।

पहनने का दिन: 7 मुखी रुद्राक्ष को शनिवार को पहनने के लिए कहा जाता है क्योंकि इसका मुख्य उद्देश्य शनि के प्रभाव को कम करना है। दूसरी ओर यदि आप इसे शुक्रवार को पहनते हैं तो यह जीवन में समृद्धि को आकर्षित करता है। इसे सुर्योदय से पहले उठकर स्नानादि करने के पश्चात घर की पूर्व दिशा में बैठकर  “ॐ हूँ नमः” का 108 बार जाप करना चाहिए। इसके अलावा इसे धारण करने के पश्चात प्रतिदिन पांच माला इस मंत्र का जाप करना चाहिए। 

सभी 7 मुखी रुद्राक्ष के बारे में जानने के लिए एस्ट्रोयोगी तक पहुँचें और अनुभवी ज्योतिषाचार्य से जन्म कुंडली के अनुसार रुद्राक्ष आदि से संबंधित सर्वोत्तम सलाह लें। 

 

सात मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

  • सात मुखी रुद्राक्ष में 7 दिव्य सर्प निवास करते हैं जो इसे धारण करने वाले को अपार शक्ति से जोड़ता है।
  • यह शनि के क्रूर प्रभाव को कम करता है जो खुशी और विकास को प्रतिबंधित करता है
  • यह पहनने वाले को जहर के प्रभाव से दूर रखता है
  • यह मांसपेशियों के दर्द औऱ गठिया जैसी समस्याओं को ठीक करता है
  • यह धन को स्थिर रखने में मदद करता है
  • यह वित्तीय आय बढ़ाने में मदद करता है
  • यह हितों औऱ कलात्मक कौशल की समझ को बढ़ाता है
  • यह धारक के जीवन में सुख-समृद्धि और संतोष लाता है
  • यह जीवन में दुख और दुर्भाग्य को दूर करने में मदद करता है
  • यह शुक्र ग्रह के प्रभाव को कम करता है।
  • यह रुद्राक्षधारी के जीवन में आशा और सकारात्मक महसूस करने में मदद करता है
  • यह जीवन में नए अवसरों के द्वार को खोलने में मदद करता है
  • यह पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है
  • यह मधुमेह जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है
  • यह शरीर में मणिपुर चक्र से जुड़ता है, जो साहस और आत्म-सम्मान को प्रज्जवलित करता है
  • यह पहनने वाले को वित्तीय सुरक्षा प्राप्त करने में मदद करता है
  • यह रचनात्मक और अंतर्ज्ञान को बढ़ान में मदद करता है
  • शनि की साढ़े साती या ढैय्या के समय सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इस रुद्राक्ष को धारण करने पर शनिदेव खुश रहते हैं।
  • यह दिल की समस्याओं का इलाज करने मदद करता है
  • यह यौन संबंधी समस्याओं के इलाज में मदद करता है
  • यह धारक के लिए रोजगार के अवसरों और संभावनाओं को खोलने में मदद करता है।