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वॉकिंग मेडिटेशन

आमतौर पर अभी तक आपने जितने भी ध्यान के बारे में सुना है वे सभी ध्यान बैठकर किए जाते हैं लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बैठकर ध्यान करने का वक्त किसके पास है। ऐसे में हम आपके लिए लाए हैं वॉकिंग मेडिटेशन (Meditation for Walking) यानि चलने वाला ध्यान। यह ध्यान बैठकर करने वाले ध्यान से बिल्कुल अलग है और यह उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जिनके पास एक जगह बैठकर ध्यान करने लिए वक्त नहीं है। 


वॉकिंग मेडिटेशन मन और मस्तिष्क को एकाग्र करने और ऊर्जा का संचरण करने का बेहतर विकल्प है। इस ध्यान को आप चलते वक्त कर सकते हैं। खास बात यह है कि इसमें चलने की तुलना में धीमी गति रखी जाती है और चलने क साथ आंखें खुली एवं जागरूक भी रहना पड़ता है। 


क्या है वॉकिंग मेडिटेशन


ध्यान का एक प्रकार है वॉकिंग मेडिटेशन। इसका मूल बौद्ध धर्म में है। इस मेडिटेशन में चलना की तुलना में गति बहुत धीमी होती है। इसमें पूरा ध्यान चलने पर होता है और हमें हर क्षण का विश्लेषण करना होता है। इस वॉकिंग ध्यान का उद्देश्य किसी डेस्टिनेशन तक पहुंचना नहीं है बल्कि सांसों के साथ समन्वय बिठाकर चलना होता है। इस ध्यान में आंखें खुली रहती है और हर कदम पर फोकस करना होता है, जो आपकी एकाग्रता को बढ़ाता है। इसके अलावा इस मेडिटेशन से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ प्राप्त होता है।


वॉकिंग मेडिटेशन कैसे करें


  • यदि आप वॉकिंग मेडिटेशन शुरू करने जा रहे हैं तो सबसे पहले बिना रुकावट के 20 मिनट तक किसी पार्क या खुली जगह में चल सकते हैं। आप पहले घर पर इसका अभ्यास कर सकते हैं। 
  • इस ध्यान को करने के लिए सबसे पहले किसी एक सर्कल या सीधी रेखा या भूलभुलैया का चयन कर सकते हैं। 
  • वॉकिंग मेडिटेशन (Meditation for Walking) करने के लिए हर कदम का अवलोकन करें यानि पैर उठाना, आगे बढ़ाना, जमीन पर रखना और पैर पर जमीन के स्पर्श को महसूस करने जैसे कदमों के प्रति जागरूक रहें।
  • इस ध्यान के दौरान चलने की गति से धीमा चलें। मेडिटेशन के दौरान हाथों को फ्री छोड़ सकते हैं, हाथों को पीठ के पीछे रखकर या फिर सामने लहराते हुए चल सकते हैं।
  • वॉकिंग मेडिटेशन के दौरान कदमों को सांस के साथ समन्वयित करते हैं। चलते वक्त आप किसी मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। 
  • जब आप इस ध्यान का अभ्यास करते हैं तो सबसे पहले सांस लेते हैं फिर एक कदम उठाते हैं, जब सांस छोड़ते हैं तो कदम उठाते हैं। इस तरह प्रत्येक सांस के लिए कदमों की संख्या बढ़ती जाती है। 
  • वॉकिंग मेडिटेशन के पहले और बाद में पानी अवश्य पीएं।
  • चलने वाला ध्यान करते वक्त चेतन अवस्था में और ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें। यदि आपका मन भटकने लगे तो उसे वापस से संवेदनाओं पर लौटाएँ।

वॉकिंग मेडिटेशन के लाभ


यदि आप वॉकिंग मेडिटेशन को रोजाना करते हैं तो एकाग्रता में सुधार होता है और यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। यहाँ कुछ पैदल चलने वाले ध्यान के  फ़ायदे दिए गए हैं।


  • वॉकिंग मेडिटेशन पैरों के ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। यह उन लोगों के लिए बेहतर है जो काफी देर तक बैठकर काम करते हैं या खुद को सुस्त महसूस करते हैं।
  • यह हमें पर्यावरण के साथ अधिक गहराई से जुड़ने का अवसर देता है। यह हमें पैरों के जरिए पृथ्वी के प्रति जागरूक करता है, फेफड़ों में भीतर और बाहर बहने वाली हवा को महसूस करवाता है। 
  • रात के खाने के बाद वॉकिंग मेडिटेशन पाचन में सुधार करने का एक शानदार तरीका है, खासकर यदि आप भारी या भरा हुआ महसूस कर रहे हैं। यह भोजन को आपके पाचन तंत्र के माध्यम से स्थानांतरित करने में मदद करता है और कब्ज में भी मदद कर सकता है।
  • यह चिंता को कम करने में भी मदद करता है। इसके अलावा यह गठिया रोग दूर करने और शारीरिक शक्ति को मजबूत करने में मदद करता है।
  • वॉकिंग मेडिटेशन को शांत परिवेश में किया जाता है। इस दौरान आप वातावरण में मौजूद मौसम, पक्षी और आसपास की आवाजों के प्रति जागरूक हो जाते हैं। आप में चेतन अवस्था जागृत हो जाती है।
  • शोध में पता चला कि 12 मिनट के लिए हफ्ते में 3 बार 30 मिनट वॉकिंग मेडिटेशन (Meditation for Walking) करने से टाइप 3 मधुमेह में सुधार आता है।
  • साल 2015 में अध्ययन किया गया कि यह ध्यान आपकी नींद की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाता है। चलने वाले ध्यान से आपकी मांसपेशियाँ और शरीर में मजबूत बना रहता है।