SanatanMantra SanatanMantra
भाषा
English हिन्दी
Home आरती चालीसा कथा ईश्वर जगह स्ट्रोतम सुंदरकाण्ड परंपरा वास्तु चक्र रत्न राशिफल मंत्र ध्यान अंक ज्योतिष ग्रह ग्रहों पूजा विधि रूद्राक्ष टैरो शादी यंत्र योग ग्रंथ UPSC App
शनिदेव की आरती

शनिदेव की आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।

सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥

 

श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।

निलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥

 

क्रीट मुकुट शीश सहज दिपत है लिलारी।

मुक्तन की माल गले शोभित बलिहारी॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥

 

मोदक और मिष्ठान चढ़े, चढ़ती पान सुपारी।

लोहा, तिल, तेल, उड़द महिषी है अति प्यारी॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥

 

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।

विश्वनाथ धरत ध्यान हम हैं शरण तुम्हारी॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥